2026 में ISRO द्वारा SSLV का पहला समर्पित वाणिज्यिक प्रक्षेपण भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एक व्यावसायिक शाखा है जिसका नाम न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) है। इसने अपने नवीनतम रॉकेट, स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) के पहले वाणिज्यिक प्रक्षेपण की घोषणा की है। ऑस्ट्रेलिया में स्पेस मशीन कंपनी द्वारा बनाया गया ऑप्टिमस उपग्रह इस ऐतिहासिक घटना के दौरान अंतरिक्ष में होगा। यह खबर इंडिया स्पेस कांग्रेस में साझा की गई और यह अंतरिक्ष में भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर काम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
SSLV मिशन
वर्ष 2026 में, SSLV स्पेस मशीन्स कंपनी के ऑप्टिमस अंतरिक्षयान को अंतरिक्ष में भेजकर अपने अभूतपूर्व व्यावसायिक मिशन को अंजाम देगा। ऑपस ऑस्ट्रेलिया में अब तक डिज़ाइन और निर्मित सबसे बड़ा अंतरिक्षयान है। इसका वजन 450 किलोग्राम है। इस मिशन का कोडनेम स्पेस मैत्री (ऑस्ट्रेलिया-भारत की प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और नवाचार के लिए मिशन) है, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों और अंतरिक्ष कार्य में एक महत्वपूर्ण कदम है।
SSLV मिशन के महत्व
यह साझेदारी सिर्फ़ तकनीकी नहीं है; यह दोनों देशों के वाणिज्यिक, शैक्षणिक और सरकारी अंतरिक्ष उद्योगों के बीच मज़बूत संबंध भी बनाती है। स्पेस मशीन्स कंपनी के सीईओ और सह-संस्थापक रजत कुलश्रेष्ठ कहते हैं कि यह परियोजना भारत के मज़बूत प्रक्षेपण कौशल को नई अंतरिक्षयान प्रौद्योगिकियों के साथ जोड़ने के बारे में है। यह मिशन अंतरिक्ष कबाड़ के प्रबंधन और पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाने वाले तरीके से संचालन पर भी ध्यान केंद्रित करता है। यह अंतरिक्ष कबाड़ जैसी महत्वपूर्ण समस्याओं से निपटता है और लोगों को अंतरिक्ष में ज़िम्मेदारी से व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित करता है। संक्षेप में, यह संबंध और आगामी मिशन यह दर्शाता है कि दोनों देश अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और स्थिरता में सुधार करना चाहते हैं। यह भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रणनीतिक साझेदारी को नए और महत्वपूर्ण तरीकों से मजबूत करता है।