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उत्तर पूर्व के “माधवपुर मेला” की समीक्षा

उत्तर पूर्व के “माधवपुर मेला” की समीक्षा 29 जनवरी 2020 को केंद्रीय विकास मंत्री (पूर्वोत्तर क्षेत्र) ने गुजरात के माधवपुर मेले की तैयारियों की समीक्षा की। इसका आयोजन पोरबंदर (गांधीजी के जन्म स्थान) में किया जाना है।
इसके अलावा, कैबिनेट ने मंजूरी दी है कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र की नई परियोजनाओं के लिए उत्तर पूर्वी परिषद के धन का 30% आवंटित किया जाना है।

हाइलाइट

सभी आठ उत्तर पूर्वी राज्यों को मेले में भाग लेना है। इसमें असम, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड शामिल हैं। मेला अप्रैल 2020 में शुरू होना है। माधवपुर समुद्र के किनारे और माधवराय मंदिर द्वारा चिह्नित स्थल पर स्थित है। मंदिर 15 वीं शताब्दी का है। मेले से जुड़ा हिंदू त्योहार “राम नवमी” है।

महत्व

मेला पूर्वोत्तर भारत और गुजरात की संस्कृतियों को एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत एकीकृत करेगा।

विकासात्मक पहलू

सांस्कृतिक महत्व के अलावा, मेला उत्तर पूर्वी राज्यों के विकास के पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। मेला असम में बांस औद्योगिक पार्क की स्थापना, द्वारका में नॉर्थ ईस्ट कन्वेंशन सेंटर की स्थापना और समुद्री विमान की शुरूआत पर केंद्रित होगा।

कैबिनेट की मंजूरी

कैबिनेट ने मंजूरी दी है कि नॉर्थ ईस्ट काउंसिल के फंड का 30% नई परियोजनाओं के लिए आवंटित किया जाना है। इन परियोजनाओं को अब तक कम से कम महत्व दिया गया है। निधि आवंटन में वृद्धि के साथ वे पुरानी परियोजनाओं के साथ काम करने में सक्षम होंगे और तेजी से विकास में मदद करेंगे।

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